नई दिल्ली। हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगले ने कहा कि ‘सेक्युलर’ पक्षों की सत्ता वाले राज्यों में ‘सीएए’ कानून लागू न करने का निर्णय लेना और हिन्दू बहुसंख्यक भारत में पीड़ित हिन्दुओं को न्याय न मिल पाना, यह मानवता के साथ-साथ लोकतंत्र की भी पराजय है। वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार ‘2061 में भारत में हिन्दू अल्पसंख्यक होंगे’, ऐसी स्थिति है। इन सर्व पार्श्वभूमि पर हिन्दुओं को उनका न्याय का अधिकार मिलने के लिए भारत को ‘हिन्दू राष्ट्र’ घोषित करना चाहिए।
Hindus will become minority in India in 2061: Sadhguru Dr. Pingle
New Delhi. Sadhu Guru Dr. Chaudutt Pingale, National Guide of Hindu Janajagruti Samiti, said that the decision to not implement the ‘CAA’ law in the states with authority on the ‘secular’ side and the Hindus suffering in majority of India cannot get justice, it is with humanity Democracy is also defeated. According to the 2011 census, ‘Hindus will be a minority in India in 2061’, such is the situation. In order for the Hindus to get their right to justice on these all-clear land, India should be declared a ‘Hindu nation’.
वे ‘नवम अखिल भारतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन’की जानकारी देने के लिए आयोजित ऑनलाइन पत्रकार परिषद में बोल रहे थे ।
सद्गुरु पिंगले ने कहा कि केंद्र में दूसरी बार मोदी सरकार की स्थापना के उपरांत कश्मीरी हिंदुओं के पुनर्वासन की दृष्टि से धारा 370 रहित करना, नागरिकत्व संशोधन अधिनियम (सीएए), सर्वोच्च न्यायालय द्वारा राममंदिर के हित में दिए ऐतिहासिक निर्णय, साथ ही 5 अगस्त 2020 को नियोजित राममंदिर के भूमिपूजन जैसी सकारात्मक बातें हो रही हैं।
इसमें नागरिकत्व सुधार कानून, यह ‘अखिल भारतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन’ की फलोत्पत्ति है। वर्ष 2014 के ‘हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन’ में इस प्रकार का प्रस्ताव सम्मत किया गया था।
सद्गुरु पिंगळे ने कहा कियह अधिवेशन 30 जुलाई से 2 अगस्त और 6 से 9 अगस्त 2020 की अवधि में सायं 6.30 से 8.30 तक ‘ऑनलाइन’ किया जाएगा।
नवम अखिल भारतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन में देश-विदेश से विविध हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों के नेता, कार्यकर्ता, अधिवक्ता, विचारक, संपादक, उद्योगपति आदि भारी संख्या में ‘ऑनलाइन’ सहभागी होने वाले हैं ।
समिति के राष्ट्रीय प्रवक्ता रमेश शिंदे ने कहा कि गत 8 वर्षों से गोवा में हो रहे इन अधिवेशनों को बहुत अच्छा प्रतिसाद मिला, परंतु ‘कोविड-19’ आपत्ति के कारण अब यह अधिवेशन ऑनलाइन लेना पड रहा है।
शिंदे ने कहा कि अयोध्या में राममंदिर के भूमिपूजन के लिए कुछ ‘सेक्युलर’ वादी बाधाएं निर्माण कर रहे हैं। इसके विपरीत पाकिस्तान में ऐसी स्थिति है कि वहां एक मंदिर निर्माण करना भी संभव नहीं।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के लोगों का कहना है कि पाकिस्तान में मंदिरों के लिए कोई स्थान नहीं है। जबकि हिन्दू बहुसंख्यक भारत में मस्जिदों की संख्या बढ़ती ही जा रही है। इसलिए अब तो भारत को ‘हिन्दू राष्ट्र’ घोषित करने की नितांत आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि हिन्दू संगठन और संप्रदायों द्वारा राष्ट्रहित और धर्महित के लिए योगदान देना, इसके साथ ही समान कार्य योजना बनाना और हिंदूहित के प्रस्ताव पारित करना, यह ‘ऑनलाइन’ अधिवेशन का स्वरूप होगा ।’’
सनातन संस्था के राष्ट्रीय प्रवक्ता चेतन राजहंस बोले, ‘आगामी आपातकाल की दृष्टि से हिंदुओं की सहायता करने के लिए हिंदुत्वनिष्ठों को विविध कौशल विकसित करने पड़ेंगे। इस सेवाकार्य का प्रशिक्षण देने के लिए 13 से 16 अगस्त की अवधि में ‘हिन्दू राष्ट्र संगठक अधिवेशन’ का आयोजन किया जाएगा।’